धर्म

कब है फाल्गुन का दूसरा प्रदोष व्रत? जान लें शिव पूजा का शुभ मुहूर्त, मिलेगा संतान प्राप्ति का अशीर्वाद

फाल्गुन माह का दूसरा प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष में है. फाल्गुन के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत होगा. यह इस माह का दूसरा शनि प्रदोष व्रत है. फाल्गुन का पहला शनि प्रदोष व्रत महाशिवरात्रि के दिन था. शनि प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव शंकर की विधिपूर्वक पूजा करते हैं. यह पूजा शाम के समय में प्रदोष मुहूर्त में करते हैं. शनि प्रदोष व्रत और शिव पूजा करने से व्यक्ति को पुत्र की प्राप्ति होती है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं शनि प्रदोष व्रत की तिथि, शिव पूजा का शुभ मुहूर्त और शुभ योग के बारे में.फाल्गुन प्रदोष व्रत 2023
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 04 मार्च दिन शनिवार सुबह 11 बजकर 43 मिनट पर होगा और इस तिथि की समाप्ति अगले दिन 05 मार्च रविवार को दोपहर 02 बजकर 07 मिनट पर होगी. इस व्रत में पूजा का मुहूर्त प्रदोष काल में होना जरूरी है. प्रदोष पूजा का मुहूर्त 04 मार्च को प्राप्त हो रहा है, इसलिए शनि प्रदोष व्रत 04 मार्च को रखा जाएगा.प्रदोष व्रत का पूजा मुहूर्त 2023
04 मार्च को प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त शाम को 06 बजकर 23 मिनट से प्रारंभ हो रहा है, जो रात 08 बजकर 50 मिनट तक रहेगा. इस समय में आपको भगवान शिव की पूजा कर लेनी चाहिए.दो शुभ योगों में है शनि प्रदोष व्रत
फाल्गुन का दूसरा शनि प्रदोष व्रत दो शुभ योग शोभन और रवि योग में है. इस दिन प्रात:काल से लेकर शाम 07 बजकर 37 मिनट तक शोभन योग रहेगा. वहीं रवि योग शाम को 06 बजकर 41 मिनट से अगले दिन 05 मार्च की सुबह 06 बजकर 37 मिनट तक है. ये दोनों ही योग शुभ हैं. इसमें पूजा पाठ का शुभ फल प्राप्त होता है.प्रदोष व्रत के दिन रुद्राभिषेक का अवसर
04 मार्च को प्रदोष व्रत के दिन रुद्राभिषेक का भी अवसर है. इस दिन शिववास है. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव का वास कैलाश पर सुबह से लेकर दिन में 11 बजकर 43 मिनट तक है. उसके बाद उनका वास नंदी पर होगा. शिव जी का कैलाश और नंदी पर वास होने पर रुद्राभिषेक कराया जाता है.

Sunil Namdeo

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