छत्तीसगढ़

निदेशक विस्तार सेवाएं एवं निदेशक प्रक्षेत्र, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र का किया भ्रमण

निदेशक विस्तार सेवाएं एवं निदेशक प्रक्षेत्र, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र का किया भ्रमण

खरीफ मौसम अंतर्गत सोयाबीन, धान, मूंग, उड़द, अरहर, मूंगफली, गन्ना के क्राप कैफेटेरिया द्वारा प्रदर्शित 60 से अधिक किस्मों का अवलोकन किया

बीजोत्पादन कार्यक्रम अंतर्गत सोयाबीन, उडद, अरहर प्रजनक बीज का निरीक्षण किया

कवर्धा, 16 सितम्बर 2022। निदेशक विस्तार सेवाएं एवं निदेशक प्रक्षेत्र, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा का भ्रमण निदेशक विस्तार सेवाएं, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, डॉ. ए. के. वर्मा एवं निदेशक प्रक्षेत्र, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर डॉ. एस.एस. टुटेजा के संयुक्त तत्वाधान में गुरूवार को कृषि विज्ञान केन्द्र में संचालित विभिन्न गतिविधियों का अवलोकन किया गया। भ्रमण के दौरान प्रक्षेत्र में खरीफ मौसम अंतर्गत जिले के प्रमुख फसल सोयाबीन, धान, मूंग, उड़द, अरहर, मूंगफली, गन्ना के क्राप कैफेटेरिया द्वारा प्रदर्शित 60 से अधिक किस्मों का अवलोकन तथा बीजोत्पादन कार्यक्रम अंतर्गत सोयाबीन, उडद, अरहर प्रजनक बीज का निरीक्षण किया गया।
निरीक्षण के तत्पश्चात् प्रक्षेत्र में संचालित समन्वित कृषि प्रणाली इकाई के अंतर्गत मछली पालन इकाई, बत्तख पालन इकाई, मशरूम उत्पादन इकाई, डेयरी पालन, कड़कनाथ उत्पादन इकाई, हैचिंग इकाई, पाली हाउस इकाई, सब्जी बीज उत्पादन कार्यक्रम, वर्मीकम्पोस्ट इकाई, कृषि उपकरण इकाई, बीज संसाधन इकाई एवं मातृ बगीचा के तहत आम के 10 किस्मों के पौध, नीबूं के 4 किस्मो के पौध उत्पादन, अमरूद के 4 किस्मों के पौध उत्पादन एवं सीताफल के 2 किस्मों के पौध उत्पादन कार्यक्रम का भ्रमण किया गया। निदेशक विस्तार सेवाएं द्वारा डेयरी पालन व्यवसाय एवं बत्तख सह मछली पालन तकनीक को कृषकों के प्रक्षेत्र में अत्याधिक लाभप्रद बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार करने निर्देश दिए गए। निदेशक विस्तार सेवाएं द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र की गतिविधियों को किसानों के लिए लाभप्रद योजनाओं पर अत्याधिक कार्य किए जाने के लिए निर्देशित किया गया। गन्ने से तैयार होने वाले मूल्य संवर्धन जैसे-आर्गेनिक गुड़, गुड़ के लड्डु आदि को प्रशिक्षण के माध्यम से ग्रामीण स्वसहायता समूहो को सशक्तिकरण हेतु प्रयास किया जाना चाहिए। निदेशक प्रक्षेत्र डॉ. एस. एस. टुटेजा द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र प्रक्षेत्र को अत्याधिक लाभप्रद बनाने के लिए कार्ययोजना निदेशक प्रक्षेत्र को प्रस्तुत करने के लिए निर्देशित किया गया। भ्रमण के पश्चात् कृषकों के लिए आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में वर्ष भर मशरूम उत्पादन तथा ट्राइकोडर्मा उत्पादन तकनीक विषय के प्रशिक्षणार्थियों से रूबरू होकर कृषि विज्ञान केन्द्र की विभिन्न आजिविका संबंधी इकाईयों से अधिक से अधिक तकनीकी रूप से जुड़कर आमदनी बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया गया। भ्रमण के दौरान अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, बेमेतरा, डॉ. एम.पी. ठाकुर, अधिष्ठाता, प्राध्यापक, कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, बेमेतरा डॉ. के.पी. वर्मा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, दुर्ग डॉ. विजय जैन एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र, कवर्धा के डॉ. बी.पी. त्रिपाठी, डॉ. श्रीमति राजेश्वरी साहू. विषय वस्तु विशेषज्ञ (उद्यान), इंजी. टी. एस. सोनवानी, विषय वस्तु विशेषज्ञ (कृषि अभियांत्रिकी) एवं 50 कृषक उपस्थित थे।

Sunil Namdeo

Related Articles

Back to top button