*योग के लिए यम नियम और आहार शुद्धि पहले आवश्यक : स्वामी ज्योतिमयानंद जी महाराज*
*(विप्र कॉलेज द्वारा सामुदायिक सहभागिता हेतु योग एवं मानसिक स्वास्थ्य पर कार्यशाला का आयोजन)*
बेमेतरा:- छत्तीसगढ़ युवा विकास संगठन संचालित विप्र कला, वाणिज्य एवं शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय द्वारा सपाद लखेश्वरधाम आश्रम सलधा, बेमेतरा में सामुदायिक सहभागिता के अंतर्गत योग एवं मानसिक स्वास्थ्य पर कार्यशाला में मुख्य अतिथि ब्रह्मचारी ज्योतिर्मयानंद जी महाराज (प्रमुख सलधा आश्रम) ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा योग के लिए यम, नियम और आहार शुद्धि पहले आवश्यक है। आहार शुद्धि से व्यवहार शुद्ध होगा, व्यवहार से चित्त शुद्ध होगा और शुद्ध चित्त से स्मृति शुद्ध होगा। जिससे हमारे कर्म और विचार शुद्ध होंगे और तभी जीवन में योग संभव है। इसके लिए भोजन में देखने में बोलने में सुनने में चलने में सब में अनुशासन आवश्यक है। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि योगेश तिवारी (किसान नेता बेमेतरा) मन पवित्र और शुद्ध होता है और विद्यार्थियों को ऐसे ही आध्यात्मिक स्थलों का दर्शन करना चाहिए।जिससे महापुरुषों का संग हो और जीवन को सही राह पर ले जाने की शिक्षा प्राप्त हो और मानसिक शांति के लिए योग जरुरी आज हम योग भूल गए थे, पर कोरोना के बाद योग का महत्व समझ में आया और हमारे दैनिक जीवन में योग का पुन: स्थापना हो रहा है।इसलिए ऐसे पवित्र और सात्विक स्थलों में आकर योग की साधना आवश्यक है। इस अवसर पर जोशीमठ के ब्रह्मचारी सर्वभूतहृदयानंद महाराज ने विद्यार्थियों को सफलता की सीख देते हुए बताया कि असफलता ही सफलता की जननी है। सोच छोटी हो तो लक्ष्य छोटा होता है और सफलता भी छोटा होता है। बड़ा सोचो तो लक्ष्य बड़ा होगा और बड़ी असफलता के बाद ही सफलता मिलेगा। इसलिए जीवन में लक्ष्य का निर्धारण आवश्यक है। इसके पूर्व अतिथियों का स्वागत करते हुए प्राचार्य डॉ. मेघेश तिवारी ने कहा कि बेमेतरा के पास ग्राम सलधा में शिक्षा विभाग के विद्यार्थियों द्वारा शैक्षणिक भ्रमण के अंतर्गत ग्रामीणों का शैक्षणिक स्तर एवं अन्य सामाजिक, आर्थिक समस्याओं पर सर्वे किया गया। इसके साथ आध्यात्मिक और पवित्र स्थल शिवधाम में स्वामी ज्योतिमयानंदनंद महाराज के आशीर्वाद और मार्गदर्शन विद्यार्थियों को मिले और उनका जीवन सफल और सार्थक हो। इसी उद्देश्य से योग का कार्यशाला इस पवित्र स्थल पर आयोजित किया गया है। योग द्वारा मानसिक स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने के उपाय कार्यशाला के माध्यम से बताया डॉ.रंजना मिश्रा ने बताया। कार्यशाला का संचालन डॉ. दिव्या शर्मा ने किया। इस अवसर पर विप्र महाविद्यालय के विद्यार्थियों, प्राध्यापकों सहित आसपास के ग्रामीण निवासियों ने भी कार्यशाला का लाभ उठाया।