मित्रता हो तो श्री कृष्ण और सुदामा की तरह होनी चाहिए, पंडित श्री अशोक शास्त्री जी
कथा में श्री कृष्ण और सुदामा की मिलन का दृश्य भी दिखाया गया जिसमें भक्तों की आंखें नम हो गई इसके साथ ही सभी भक्तों ने सुदामा पुटली बनाकर फल व प्रसाद चढ़ाया।
मित्रता हो तो श्री कृष्ण और सुदामा की तरह होनी चाहिए, पंडित श्री अशोक शास्त्री जी
श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के आज सातवें दिन व्यास कथा पंडित श्री अशोक शास्त्री महाराज वृंदावन धाम वाले ने श्रीमद् सुदामा चरित का वर्णन किया भगवान श्री कृष्ण और सुदामा के मिलन को लेकर कथा कही कथा में श्री कृष्ण और सुदामा की मिलन का दृश्य भी दिखाया गया जिसमें भक्तों की आंखें नम हो गई इसके साथ ही सभी भक्तों ने सुदामा पुटली बनाकर फल व प्रसाद चढ़ाया। कथा में आज छत्तीसगढ़ शासन मनरेगा के सदस्य मो, कलीम खान नगर पालिका उपाध्यक्ष नगर जमील खान सहित बड़ी संख्या में भक्त पहुंचकर कथा श्रवण का लाभ लिया हम आपको बता दें कि कवर्धा के वार्ड क्रमांक 19 में संतोष नामदेव पूर्व पार्षद के यहां भागवत ज्ञान सप्ताह का आयोजन किया गया है कथा के सातवें दिन महाराज श्री अशोक शास्त्री जी ने बताया कि
सुदामा की पत्नी ने सुदामा को भगवान श्री कृष्ण के पास जाने का आग्रह किया और कहा कि भगवान श्री कृष्ण दयावान हैं वह हमारी सहायता जरुर करेंगे।
सुदामा चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि सुदामा की पत्नी ने सुदामा को भगवान श्री कृष्ण के पास जाने का आग्रह किया और कहा कि भगवान श्री कृष्ण दयावान हैं वह हमारी सहायता जरुर करेंगे।
सुदामा ने संकोच भरे स्वर में अपनी पत्नी को कहा कि श्री कृष्ण एक पराक्रमी राजा हैं और मैं गरीब ब्राह्मण हूं मैं कैसे उनके पास जाकर सहायता मांग सकता हूं। सुदामा की पत्नी ने उत्तर दिया क्या हुआ मित्रता में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होता। सुदामा श्री कृष्ण के पास जाने को राजी हो गए उसकी पत्नी पड़ोसियों से थोड़े थोड़े चावल मांग कर आई एवं सुदामा को वह चावल अपने मित्र को भेंट करने को कहा।
सुदामा महल के बाहर ही खड़े होकर भगवान श्री कृष्ण की प्रतीक्षा करने लगे भगवान श्री कृष्ण सुदामा के पास पहुंचे एवं भगवान श्री कृष्ण सुदामा के मिलन का सुंदर चित्रण प्रस्तुत किया गया ।