पितृ पक्ष में क्या ना करे,क्या है मुहूर्त जानिए संक्षिप्त में पूरी जानकारी
👉पितृ पक्ष आज से शुरू, भूलकर भी ना करें ये गलतियां
Pratipada Shraddha 2022: पितृपक्ष 2022 (Pitru Paksha 2022) की शुरुआत 10 सितंबर 2022 से हो रही है जो कि 25 सितंबर 2022 तक चलेंगे. पितृपक्ष में कौन सी गलती नहीं करनी चाहिए? इस बारे में जानेंगे.
पितृ पक्ष भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से शुरू होता है और आश्विन मास की अमावस्या तक चलता है. इस बार पितृ पक्ष 2022 या प्रतिपदा श्राद्ध, 10 सितंबर 2022 से शुरू हो रहे हैं जो 25 सितंबर 2022 तक चलेंगे. पितृपक्ष का हिंदू धर्म में काफी महत्व है. इन दिनों में श्राद्ध, पिंडदान और तर्णण करके पूर्वजों को यह बताया जाता है कि आज भी वह परिवार का हिस्सा हैं. पितृपक्ष में पूर्वजों का आशीर्वाद लेने से घर में सुख-शांति रहती है होता है और अगर पूर्वज नाराज हो जाएं तो काफी नुकसान हो सकता है. इसलिए पितृपक्ष में कुछ कामों को करने से बचना चाहिए ताकि पूर्वज नाराज ना हों. तो आइए उन गलतियों के बारे में जान लीजिए, जिन्हें पितृ पक्ष में करने से बचना चाहिए.
👉मांगलिक कार्य ना करें :
मान्यताओं को पितृ पक्ष को कड़े दिन कहते हैं. इन दिनों में कोई भी मांगलिक कार्य करने की मनाही होती है. इसलिए इन दिनों में आप कोई भी मांगलिक का शुभ काम करने से बचें. इन दिनों में नए कपड़े भी ना खरीदें.
👉बाल ना कटवाएं :
हिंदू धर्म की मान्यताओं के मुताबिक, कड़े दिनों में पुरुषों को बाल और दाढ़ी नहीं कटवाने चाहिए. अगर कोई ऐसा करता है तो पूर्वज नाराज हो सकते हैं.
खुशबू वाली चीजें लगाने से बचें : कई लोग रोजमर्रा में परफ्यूम या सेंट लगाते हैं लेकिन पितृ पक्ष के 16 दिनों में सेंट, इत्र या परफ्यूम लगाने से बचें.
👉तामसी भोजन से बचें
: कहा जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान तामसी भोजन और मांसाहार भोजन से बचना चाहिए और सात्विक भोजन ही करना चाहिए. इसके अलावा कुछ मत यह भी कहते हैं कि पितृ पक्ष में बाहर का खाना नहीं खाना चाहिए.
आखिरी दिन करें श्राद्ध: पुराणों में कहा गया है पितृ पक्ष के आखिरी दिन यानी आश्विन माह की अमावस्या को सभी पूर्वजों को ध्यान करके उनका श्राद्ध करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि श्राद्ध से वह प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं.
👉पितृ पक्ष का मुहूर्त (Muhurt of Pitru Paksha 2022)
पितृ पक्ष का शुभ समय कुतुप मुहूर्त और रोहिना मुहूर्त होता है. इन दोनों शुभ मुहूर्त के बाद अपराह्न काल समाप्त होने तक भी मुहूर्त चलता है. श्राद्ध के अंत में तर्पण (तर्पण) किया जाता है जिसमें सूर्य की तरफ मुंह करके घास की कुश (डाव) से देते हैं. प्रतिपदा श्राद्ध शनिवार, 10 सितंबर 2022 से शुरू हैं
👉 इस दिन श्राद्ध अनुष्ठान का समय भी जान लीजिए.
कुतुप मुहूर्त (Kutup Muhurat) – दोपहर 12:11 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक, अवधि: 49 मिनट
रोहिना मुहूर्त (Rohina Muhurat) – दोपहर 01:00 बजे से दोपहर 01:49 बजे तक, अवधि: 49 मिनट
अपराह्न मुहूर्त (Aparahna Muhurat)- 01:49 अपराह्न से 04:17 अपराह्न, अवधि: 02 घंटे 28 मिनट