धर्म

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है महाकालेश्वर, जानें इससे जुड़ी 5 रोचक बातें

हिंदुस्तान में 12 ज्योतिर्लिंगों का विशेष महत्व बताया गया है. इन 12 ज्योतिर्लिंगों में हर 1 ज्योतिर्लिंग की अपनी कुछ विशेषताएं हैं, जिनके बारे में हम बारी-बारी से जानेंगे. वैसे तो मध्य प्रदेश में 2 ज्योतिर्लिंग हैं- एक ओमकारेश्वर में, दूसरे उज्जैन में. आज की इस कड़ी में हम बात करने जा रहे हैं उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के बारे में. उज्जैन को महाकाल की नगरी के नाम से भी जाना जाता है. महाकाल की नगरी और बाबा महाकाल से जुड़े 5 रोचक तथ्य, जिनके बारे में हमें बता रहे हैं भोपाल के रहने वाले ज्योतिषी एवं पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा.

1. 12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे विशेष हैं महाकाल

देशभर में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों का महत्व बताया गया है परंतु तीर्थ की नगरी उज्जैन में महाकाल शिवलिंग को विशेष शिवलिंग की मान्यता प्राप्त है. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग तीन हिस्सों में है. निचले खंड में महाकालेश्वर, दूसरे खंड में ओमकारेश्वर और तीसरे खंड में नागचंद्रेश्वर शिवलिंग विराजमान है. नागचंद्रेश्वर शिवलिंग के साल में सिर्फ एक बार नाग पंचमी के दिन ही दर्शन होते हैं.

महाकाल की नगरी में भस्म आरती का विशेष महत्व है. यहां भोलेनाथ का श्रृंगार हर दिन ताजा भस्म से किया जाता है. इस भस्म आरती में शामिल होने के लिए पहले से ही ऑनलाइन बुकिंग करानी पड़ती है.

3. उज्जैन में हैं तीन महाकाल

बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में तीन महाकाल विराजमान हैं. पहले हैं काल भैरव महाकाल, दूसरे हैं गढ़कालिका और तीसरे हैं अर्ध काल भैरव.

उज्जैन के राजा

महाकाल की नगरी उज्जैन के सिर्फ एक ही राजा हैं बाबा महाकाल. मान्यताओं के अनुसार राजा विक्रमादित्य के राज के बाद उज्जैन में कोई भी राजा रात नहीं रुक सकता. कहा जाता है जो भी राजा उज्जैन जाकर महाकाल के दर्शन नहीं करता और रात रुकता है, वह उसकी आखिरी रात होती है.

 

5. बाबा महाकाल की सवारी

उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी हर साल निकाली जाती है. इस सवारी की खास बात यह है कि इसमें कोई भी व्यक्ति नशा करके शामिल नहीं हो सकता. इस दिन भगवान शिव के मंदिर के चारों तरफ कीर्तन सुनाई देते हैं. उज्जैन का हर व्यक्ति भगवान शिव की बारात में झूम उठता है.

Abhitab Namdeo

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