कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे की अध्यक्षता में मीजल्स रूबेला उन्मूलन को लेकर जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक आयोजित
कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे की अध्यक्षता में मीजल्स रूबेला उन्मूलन को लेकर जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक आयोजित
कवर्धा, 24 अप्रैल 2023। कलेक्टर श्री जनमेजय महोबे की अध्यक्षता में आज जिला कार्यालय के सभाकक्ष में मीजल्स रूबेला उन्मूलन को लेकर जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में बताया गया कि माह दिसम्बर 2023 तक मीजल्स एवं रूबेला का उन्मूलन किया जाना है। फिवर विथ रेस वाले सभी प्रकरणों को जांच किया जाना है। इस तरह के लक्षण पाये जाने पर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र से संपर्क किया जाना है। बैठक में अपर कलेक्टर श्री इंद्रजीत बर्मन, जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप कुमार अग्रवाल, संयुक्त कलेक्टर डॉ. मोनिका कौड़ो, अनुविभागीय अधिकारी कवर्धा श्री पी.सी. कोरी, पंडरिया-श्री दिलेराम डाहिरे, बोड़ला-श्री संदीप ठाकुर, डिप्टी कलेक्टर श्री संदीप ठाकुर, सीएमएचओ डॉ. सुजॉय मुखर्जी सहित बीएमओ उपस्थित थे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुजॉय मुखर्जी ने बताया कि 09 माह से 05 वर्ष तक के समस्त ऐसे बच्चे जो मीजल्स-रूबेला के प्रथम, द्वितीय डोज के लिए ड्यू अथवा छुटे हुए है उन सभी बच्चों को मीजल्स-रूबेला के प्रथम, द्वितीय डोज से टीकाकरण किया जाना है। उन्होंने बताया कि माह नवम्बर से मार्च तक प्रत्येक वर्ष मीजल्स रूबेला के प्रकरणों में वृद्धि पाई जाती है, फीवर एवं रैश सर्विलेंस का सुदृढ़ीकरण कर मीजल्स-रूबेला प्रकरणों का शीघ्रातिशीघ्र चिन्हांकन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिन ग्रामों, वार्डो में मीजल्स-रूबेला पॉजीटिव केस पाए जाते है, उन ग्रामों, वार्डो में अतिरिक्त टीकाकरण सत्र आयोजित किया जाना है।
उन्होंने बताया कि मीजल्स रोग मध्यम कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों में घातक होती है। मितानिन एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा गृह भ्रमण कर ऐसे बच्चों को चिन्हांकित कर पोषण तथा विटामिन ‘ए‘ अनुपूरण प्रदाय किया जाना है तथा इन बच्चों को पोषण पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती किया जाना है। मीजल्स प्रकरणों के शीघ्र चिन्हांकन के लिए जन सामान्य में मीजल्स के लक्षण तथा उपचार के संबंध में सही सूचना प्रसारित किया जाना है। संभावित प्रकरण की जांच की जानी है तथा इन प्रकरणों को न्यूनतम 07 दिनों के लिए आईसोलेशन में रखा जाना है साथ ही इनके अभिभावकों को अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता वाले खतरे के निशान जैसे-लगातार दस्त, निमोनिया एवं कान से बहाव आदि के संबंध में अवगत कराया जाना है। ड्राप आउट बच्चों को मीजल्स-रूबेला के प्रथम, द्वितीय डोज से टीकाकरण किया जाना है।
मीजल्स
उन्होंने बताया कि मीजल्स श्वसन के माध्यम से फैलता है। संक्रमित व्यक्ति के मुंह व नांक के द्वारा अन्य व्यक्ति में फैलता है। जिनमें रोग प्रतिरोध क्षमता कम है और जो संक्रमित व्यक्ति के साथ एक ही घर में रहते है, वे इसके शिकार हो सकते है। यह संक्रमण औसतन 14 दिन तक प्रभावी रहता है और 2-4 दिन पहले से दाने निकलने की शुरूवात होती है।
रूबेला
स्ीएमएचओ ने डॉ मुखर्जी ने बताया कि रूबेला भी श्वसन के माध्यम से फैलता है। इससे ग्रसित व्यक्ति को फैले हुए दाने, बुखार, सिरदर्द, गले में बढ़ा हुआ लिम्फ नोड, लाल आंखे एवं नांक से पानी आता है। गर्भवती महिला अगर रूबेला से संक्रमित होती है तो ेचवदजंदमवने.ंइवतजपवदए ेजपसस इपतजीए ेमतपवने इपतजी कममिबजे हो सकता है।
एनीमिया मुक्त भारत
बैठक में बताया गया कि एनीमिया के रोकथाम के लिए जिले में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम का क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत 4 लाभार्थी समूहों को आयु वर्ग के अनुसार आयरन एवं फॉलिक एसिड सिरप, टेबलेट का सेवन कराया जा रहा है। 6 माह से 5 वर्ष तक के सभी बच्चों को आयरन सिरप सप्ताह में 02 बार 1-1 एम.एल. दिया जा रहा है। 6 वर्ष से 9 वर्ष तक के शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत् बच्चों को सप्ताह में 1 बार शिक्षकों के माध्यम से आयरन की गुलाबी गोली दी जा रही है। 10 वर्ष से 19 वर्ष तक शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत् बच्चों को सप्ताह में 1 बार शिक्षकों के माध्यम से आयरन की नीली गोली दी जा रही है। शाला त्यागी बालिकाओं को आंगनबाड़ी के माध्यम से उम्र के अनुसार सप्ताह में 1 बार आयरन की गुलाबी एवं नीली गोली दी जा रही है। गर्भवती महिलाओं एवं शिशुवती महिलाओं को लाल आयरन की गोली दी जा रही है। बच्चों को आयरन की गुलाबी एवं नीली गोली का सेवन शिक्षक एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा कराया जाता है।