सिद्धि माता मंदिर में पशुबली पर रोक लगाने मंदिर समिति के सदस्यों से हुई चर्चा लोगों से मंदिर में पशुबली के स्थान पर चावल दूबी चढ़ाने की अपील मंदिर परिसर के आस पास अराजकता फैलाने वालों पर होगी कार्यवाही-कलेक्टर
सिद्धि माता मंदिर में पशुबली पर रोक लगाने मंदिर
समिति के सदस्यों से हुई चर्चा
लोगों से मंदिर में पशुबली के स्थान पर चावल दूबी चढ़ाने की अपील
मंदिर परिसर के आस पास अराजकता फैलाने वालों पर होगी कार्यवाही-कलेक्टर
बेमेतरा
कलेक्टर श्री पदुम सिंह एल्मा की अध्यक्षता में आज बुधवार को विकासखण्ड बेरला के ग्राम सण्डी के एतिहासिक सिद्धि माता मंदिर में हो रहे बलिप्रथा के संबंध में मंदिर समिति की बैठक कलेक्टोरेट के दृष्टि-सभाकक्ष में आयोजित की गई। बैठक में पुलिस अधीक्षक आई कल्याण एलिसेला, अपर कलेक्टर डॉ. अनिल बाजपेयी, अनुविभागीय अधिकारी (रा.) सुरुचि सिंह, बेरला युगल किशोर उर्वशा, डिप्टी कलेक्टर पिंकी मनहर, तहसीलदार, ज.पं. सीईओ, थाना प्रभारी सहित गांव के सरपंच सचिव एवं मंदिर समिति के सदस्य उपस्थित थे।
बैठक में समिति के सदस्यों ने जिले में स्थित सिद्धि माता मंदिर में प्रतिवर्ष चैत्र कृष्ण पक्ष एकम से तेरस तक हो रहे बलिप्रथा के संबंध में चर्चा की गई। जिसमें मंदिर समिति के सदस्यों ने सर्वसम्मति से पशुबलि प्रथा पर रोक लगाने की सहमति जताई। उन्होने कहा कि सिद्धि माता मंदिर में भी बलिप्रथा के स्थान पर सांकेतिक बलि के रुप में नारियल चढ़ाया जाए।
समिति के सदस्य दिनेश सिंह ठाकुर ने बताया कि समिति के सदस्य स्वयं इस बलिप्रथा को बंद करना चाहते हैं, इसलिए मंदिर परिसर में पशुबलि देने हेतु मन्नत मांगने से पहले समिति से सलाह लेने को कहा गया है, इस संबंध में मंदिर परिसर में बैनर पोस्टर भी लगाया गया है। उन्होने यह भी कहा कि बलि देने वालों को पशुबलि देने की जगह ज्योति जलाने एवं मंदिर के निर्माण के लिए दान राशि देने की सलाह दी जाती है ताकि मंदिर का विकास हो सके। ग्राम सण्डी के सरपंच ने कहा कि लोगों के द्वारा मंदिर परिसर के आस-पास किसानों की भूमि में मदिरा सेवन कर अराजकता फैलाई जा रही है जिसके चलते किसानों को खेती-किसानी में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कलेक्टर श्री एल्मा ने कहा कि मंदिर परिसर के आस-पास मादक द्रव सेवन से आस-पास के ग्रामीणों को परिशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस लिए मंदिर परिसर में इस प्रकार का कृत्य नहीं करने के निर्देश दिए एवं पशुबलि के स्थान पर दीपक (ज्योत) जलाने अथवा भवन निर्माण के लिए राशि दान करने की अपील की। उन्होने कहा कि मंदिर परिसर में दण्ड की व्यवस्था एवं बलिप्रथा प्रतिबंध के संबंध में बैनर पोस्टर लगाकर लोगों को जागरुक करने एवं अज्ञात लोगों के खिलाफ फैलाये जा रहे अराजकता पर रोक लगाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा सहयोग देने का आश्वासन दिया। जिलाधीश ने भविष्य में पशुबलि रोकने के लिए योजना बनाकर जनजागरुकता लाने हेतु कोटवार के माध्यम से गांव में मुनादी करने के निर्देश दिए और मंदिर में चावल दूबी चढ़ाने की परंपरा प्रारंभ करने को कहा। इसके साथ ही गांव के सरपंच के द्वारा मंदिर पहुंच मार्ग सड़क के किनारे वृक्षारोपण करने की बात कही जिस पर कलेक्टर द्वारा सहमति दी।
अपर कलेक्टर डॉ. बाजपेयी ने मंदिर समिति के सदस्यों से कहा कि पशुबलि नहीं देने के संबंध में गांव विकास समिति एवं पंचायत प्रस्ताव पारित की जाए। प्रस्ताव पारित होने के उपरांत यदि कोई पशुबलि करता है तो उस पर जिला प्रशासन द्वारा जुर्माना/दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। उन्होने कहा कि मुनादी व पोस्टर के माध्यम से लोगों को जागरुक किया जाए ताकि पशुबलि रोका जा सके।