प्रदूषण रोकने का काम करेगी यह स्पेशल डिवाइस, जानिए इसकी खासियत
लखनऊ: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के इनोवेशन हब ने एक डिवाइस बनाई है. यह डिवाइस कटिंग फ्लूड ऑप्टिमाइजर है. यहां के मीडिया प्रभारी पवन कुमार त्रिपाठी ने बताया कि विभिन्न उद्योगों से काफी मात्रा में निकलने वाला कटिंग फ्लूड यानी सिंथेटिक केमिकल अब पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाएगा. मेटल कटिंग और डिलिंग के दौरान अब जितनी जरूरत होगी उतना ही कटिंग फ्लूड निकलेगा. यह संभव होगा यहां के इनोवेशन हब के हेड महीप सिंह की कटिंग फ्लूड ऑप्टिमाइजरडिवाइस के जरिए यह डिवाइस कटिंग जंक्शन के बढ़ते घटते तापमान को रिकार्ड कर उसी के अनुसार कटिंग फ्लूड की सप्लाई देगा.
इस डिवाइस को पेटेंट कराने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने बताया कि तमाम उद्योगों में धातु कटिंग से लेकर डिलिंग तक होती है. इस प्रक्रिया में डिलिंग और कटिंग मशीन का तापमान काफी बढ़ जाता है जिससे प्रोडक्ट की क्लालिटी तो खराब होती ही है. साथ ही इसका मशीन पर भी असर पड़ता है. इस समस्या से निजात पाने के लिए उद्योगों में कूलेंट या कटिंग फ्लूड का उपयोग किया जाता है. यह एक सिंथेटिक केमिकल होता है. इस केमिकल को धातु कटिंग या डिलिंग के दौरान उपयोग में लिया जाता है. यह मशीन के तापमान को सामान्य रखता है. इस दौरान प्रति मिनट दस से 60 लीटर केमिकल उपयोग में लिया जाता है. बाद में यह केमिकल नदियों, नालों में बहाया जाता है जिससे कि नदियों से लेकर मृदा प्रदूषण बढ़ रहा है.
डिवाइस से कम होगी खपत
उन्होंने बताया कि यह डिवाइस कटिंग या डिलिंग मशीन के तापमान को रिकार्ड करती है. जितना तापमान होता है उसी अनुसार सिंथेटिक केमिकल की सप्लाई होती है. यानी जब तापमान सामान्य होता है तो कटिंग फ्लूड की सप्लाई बंद होती है. इससे न केवल इस खतरनाक केमिकल की खपत बेहद कम हो जाएगी बल्कि उद्योगों का खर्चा भी नाममात्र रह जाएगा. साथ ही नदियों और जमीन पर गिरने वाला खतरनाक केमिकल पर्यावरण को नुकसान भी नहीं पहुंचाएगा. इस डिवाइस को पेटेंट भी कराया जा रहा है. डिवाइस बनाने वाले महीप सिंह के अनुसार पेंटेंट की प्रक्रिया अपने अंतिम दौर में है.