*स्कूली छात्राओं को उनके अधिकार से संबंधित मिलने वाली सुविधाओं की दी जानकारी*
बेमेतरा:- महिलाओं के विरूद्ध हो रही हिंसा समाप्त करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अंर्तगत सखी वन स्टॉप सेंटर महिला एवं बाल विकास विभाग बेमेतरा द्वारा 16 दिवस की अवधि में अलग-अलग ग्राम, महाविद्यालय, विद्यालय, आंगनबाड़ी, जनचौपाल ब्लाक स्तर पर विस्तृत अभियान के माध्यम से जागरूकता, रैली, कार्यशाला कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें स्कूली बालक-बालिका, शिक्षक-शिक्षिका, ग्रामीण महिलाएं, स्वसहायता समूह की महिलाएं, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं मितानिन शामिल हुए।
उक्त जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार कार्यक्रम में संरक्षण अधिकारी नवा बिहान- यशोदा साहू, बाल संरक्षण इकाई से बाल संरक्षण अधिकारी व्योम श्रीवास्तव एवं परामर्शदाता शाईस्ता परवीन, पुलिस विभाग से पुलिस अनुविभागीय अधिकारी बेरला तेजराम पटेल,टी.आई बेरला संतोषी ग्रेस, प्रधान आरक्षक बेमेतरा वर्षा चौबे, चाइल्ड लाइन 1098 केन्द्र समन्वयक राजेन्द्र चंद्रवंशी एवं उनका स्टॉफ एवं विद्यालय, महाविद्यालय के प्राचार्य-प्राचार्या एवं अन्य शिक्षक गणों का इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विशेष योगदान रहा है।
इस कार्यक्रम के माध्यम से सखी में मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी दिया गया। स्कूल की बालिकाओं को उनके अधिकार से संबंधित मिलने वाली सुविधाओं, पॉक्सो एक्ट, दैहिक शोषण, साइबर क्राइम, मानसिक प्रताड़ना, छेड़छाड़ से होने वाली समस्याओं की जानकारी दिया गया। चाईल्ड लाइन हेल्पलाईन नम्बर 1098, पुलिस सहायता 100,112, विधिक सहायता 15001 एवं महिला हेल्पलाईन नम्बर 181 के माध्यम से लाभ प्राप्त कर सकते है।
महिलाओं के उनके ऊपर होने वाले घरेलू हिंसा, मानसिक प्रताड़ना दहेज प्रताड़ना, भरण पोषण, दैहिक शोषण, भटकती अवस्था, नशे की हालत, टोनही प्रताड़ना से संबंधित होने वाली समस्या से महिला हेल्पलाईन नम्बर 181 के माध्यम एवं स्वयं भी सखी में उपस्थित होकर लाभ प्राप्त कर सकते है। छत्तीसगढ़ राज्य के नये जिलों को छोड़कर सभी 27 जिलो में सखी वन स्टॉप सेन्टर संचालित है। सखी वन स्टॉप सेंटर एक ऐसी संस्था है जो 24 घंटे निःशुल्क सेवा प्रदान करती है। सखी वन स्टॉप सेंटर में निःशुल्क आश्रय, विधिक, पुलिस, चिकित्सा एवं परामर्श सहायता की सुविधा है। घरेलू हिंसा वैवाहिक दुर्व्यवहार, घरेलू मारपीट, पारिवारिक हिंसा या दहेज के लिए प्रताड़ित करना आदि होता है। घरेलू दायरे में हिंसा को घरेलू हिंसा कहा जाता है। किसी महिला का शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, मौखिक किसी ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाना जिसके साथ महिला के पारिवारिक सम्बन्ध है, घरेलू हिंसा में शामिल है। इससे बचने एवं न्याय के उपाय बताते हुए कहा कि घरेलू हिंसा की सूचना कोई भी व्यक्ति संरक्षण अधिकारी मजिस्ट्रेट के समक्ष कार्यवाही शुरू करने और एक सुरक्षित आश्रय या चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने में मदद कर सकते है।
प्रत्येक राज्य सरकार अपने राज्य में संरक्षण अधिकारी नियुक्त करती है। बाल संरक्षण योजना देखरेख और संरक्षण के लिए जरूरतमंद बच्चों और विधि का उल्लंघन करने वाले किशोरों पर अपने कार्यकलापों को संकेद्रित करती है, बाल विवाह,पॉक्सो एक्ट, असुरक्षित बच्चों को रोकथामकारी और देखरेख एवं पुनर्वास सेवाएं प्रदान करती है। चाइल्ड लाइन 0 से 18 वर्ष से नीचे नाबालिक बच्चों के लिए चाइल्ड लाइन 24 घंटे चलने वाली मुफ्त, आपातकालीन राष्ट्रीय फोन सेवा है। चाइल्ड हेल्प लाइन नम्बर 1098 है। यह उन बच्चों के लिए जिन्हे देखभाल और सुरक्षा की जरूरत है। राज्य सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों, शैक्षणिक संस्थानों, द्विपक्षीय और बहुपक्षीय एजेंसियों तथा कॉरपोरेट सेक्टर के साथ भागीदारी में यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की परियोजना है। कार्यक्रम से महिलायें, बालिकायें एवं अन्य ग्रामीण जन लाभान्वित हुए।