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*●बेमेतरा ज़िला में अनुसूचित पक्षी व वन्यजीव की खरीद-बिक्री एवं पालने पर लगा सख्त प्रतिबंध,एक्ट उल्लंघन पर वन्यजीव पालकों पर जुर्माने व सजा का प्रावधान●*

*(●वन कार्यालयों में कल 28 अगस्त के तक पालकों को तोता सहित वन्यजीव जमा करने की अपील, गोपनीय शिकायत पर 3 वर्ष कारावास व 25 हज़ार का जुर्माना●)*

 

*बेमेतरा:-* दुर्ग वनमण्डलाधिकारी कार्यालय अन्तर्गत बेमेतरा फॉरेस्ट अनुविभाग में जिलेवासियों के लिए वन्यजीव संरक्षण के मद्देनजर प्रशासनिक आदेश दुर्ग डीएफओ- चन्द्रशेखर शंकर सिंह परदेशी(आईएफएस) ने प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है। जिसके तहत जिलेभर के सर्वसाधारण एवं आमजनमानस को सूचित किया गया है, कि डीएफओ कार्यक्षेत्र के अधीनस्थ बेमेतरा के दोनो परिक्षेत्र साजा एवं बेमेतरा वन सर्किल में किसी भी प्रकार के अनुसूचित पक्षियों सहित जंगली अथवा वन्यजीव की खरीद-बिक्री एवं कैद कर पालने वन्यजीव संरक्षण एक्ट 1972 में यथासंशोधित मई 2022 के अंतर्गत अपराध की श्रेणी के तहत 03 वर्ष की कारावास एवं 25 हज़ार रुपये का आर्थिक दण्ड अथवा दोनों या अधिक सजा का कड़ा प्रावधान लागू है। इसी के मद्देनजर फॉरेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा जिलेवासियों को बकायदा कल 28 अगस्त तक अपने रिहाइशी मकानों में कैद एवं पाले गए विभिन्न प्रजाति के तोते व अन्य अनुसूचित पक्षी, भारतीय प्रजाति के बन्दर, लँगूर, गिलहरी, खरगोश, मैना, कछुआ इत्यादि को अपने नजदीकी फॉरेस्ट ऑफिसर के पास जाकर तत्काल वन कार्यालय में जमा किये जाने की अपील आदेश में की गई है। साथ ही हिदायत दी गयी है कि कल 28 अगस्त के उपरांत ज़िले के वन परिक्षेत्र साजा व बेमेतरा एवं उप वनपरिक्षेत्र बेरला, नवागढ़ सहित खम्हरिया, नांदघाट, देवकर, भिम्भौरी फारेस्ट इलाके में किसी भी प्रकार के अनुसूचित पक्षी एवं वन्यजीव पाया जाता है तो उसके खिलाफ कठोर दण्डात्मक कार्यवाही किया जाएगा। वही उपरोक्त पक्षियों एवं वन्यजीव को किसी भी स्थान पर हो रही खरीद-बिक्री एवं पालने की जानकारी मिलने पर टोल फ्री नम्बर 1800233700 को सार्वजनिक रूप से आमजनता के लिए जारी किया गया है जिसमे ऐसे गैरकानूनी घटनाक्रम की शिकायत पर तत्काल फारेस्ट डिपार्टमेंट द्वारा एक्शन लिया जाएगा। जिसके लिए बकायदा उप वनमंडलाधिकारी के माध्यम से दोनो फारेस्ट सर्किल के लिए बेमेतरा रेंजर- माधुरी तिवारी एवं साजा रेंजर-पुनीत राम लसेल का भी नम्बर सावर्जनिक किया गया है। हालांकि इस आदेश कर तहत ही क्षेत्र में वन्यजीव के खरीद-बिक्री एवं पालन की जानकारी देने एवं शिकायत पर सूचना देने वाले का नाम गोपनीय रखी जायेगी।

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*दरअसल यह प्रशासनिक निर्णय प्रदेशभर के विभिन्न इलाकों में वन्यजीव के साथ हो रहे छेड़छाड़ व अत्याचार, प्राकृतिक प्रवासों को पहुंचाये जा रहे नुकसान को देखकर डिपार्टमेंट द्वारा सुरक्षागत कारणों से फैसला लिया गया है। जिसका क्रियान्वयन पूरे दुर्ग वनमंडल क्षेत्र में किया जाना है। वन्यजीव संरक्षण के प्रति आमजनता को जागरूक करने का प्रयास भी किया जाएगा।”*

 

*●चन्द्रशेखर शंकर सिंह परदेशी●*

*{■वनमण्डलाधिकारी-दुर्ग■)*

GAUTAM BEMTRA

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