*●शहादत के पर्व मोहर्रम पर ग्रामीण अंचल में ताजिया बनाकर निकाली गई जुलूस●*
*बेमेतरा:-* ज़िले के मुस्लिम बाहुल्य ग्रामीण इलाकों में कल शहादत का पर्व मोहर्रम का पर्व विभिन्न धार्मिक एवं पारंपरिक रूप से मनाया गया। मोहर्रम पर बासीन, सरदा, नांदघाट, खण्डसरा, कोंगिया व बिरनपुर में ताजिया बनाकर जुलूस निकाला गया तो नवागढ़, परपोड़ी, खम्हरिया एवं देवकर में दिनभर इमाम हसन हुसैन शहादत की याद में तकरीर का आयोजन किया गया एवं शाम को सामुहिक रूप से दावत भी किया गया। दरअसल विदित हो कि मुस्लिम पर्व मोहर्रम शहादत के प्रतीक के रूप में प्रतिवर्ष उर्दू कैलेंडर के नववर्ष पश्चात दसवें दिन मनाया जाता है। इस दिन मुस्लिम सम्प्रदाय के इमाम हसन हुसैन की शहादत इराक के करबला मैदान में हुई थी। जिसकी याद में मुस्लिम अनुयायी उर्दू नया वर्ष लगने के दस दिनों तक विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करते है एवं परम्परागत पकवानों को लेकर विशेष फातिहा पढ़ी जाती है।वही गाँवों में दस दिनों तक विशेष सजावट के साथ पारम्परिक ताजिया बनाकर रैली का आयोजन करते है एवं इस अवसर पर हलवा व सरबत वितरण किया जाता है। कल पर्व के अवसर पर ग्राम बासीन में इसी तरह का नज़ारा देखने को मिला। जहां मुस्लिम जमात के सदर व अन्य कमेटी सदस्यों के द्वारा ताजिया निकाली गई। जिसका देर रात सुरही नदी में सुपुर्द ए खाक किया गया।