देश दुनिया

स्पेस में दिखेगी भारत की ताकत, ISRO भेजेगा महिला रोबोट, गगनयान मिशन से पहले बड़ी छलांग

 

नई दिल्लीः चंद्रयान-3 मिशन की अपार सफलता के बाद भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी लगातार नए मुकाम हासिल करने में जुटी हुई है. सबसे पहले इसरो ने सूर्य मिशन के लिए आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग की. वहीं अब मानव मिशन गगनयान पर इसरो का फोकस है. इस मिशन के तहत एक स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में भेजा जाएगा, इसे भारत के पहले मानव मिशन के रिहर्सल के तौर पर भेजा जा रहा है. गगनयान मिशन की तैयारी में इसरो बहुत पहले से काम कर रहा है.इसी कड़ी में एक स्पेसक्राफ्ट के माध्यम से महिला रोबोट व्योममित्र को स्पेस में भेजने की तैयारी की जा रही है. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि भारत मानव मिशन से पहले एक महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री व्योममित्र को अंतरिक्ष में लॉन्च करेगा. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसकी जानकारी एक निजी चैनल के कार्यक्रम के दौरान दी. इसरो की महत्वाकांक्षी गगनयान मिशन ह्यूमन स्पेसफ्लाइट में भारत की क्षमता को दुनिया भर में प्रदर्शित करने के लिए तैयार है.

मानवयुक्त मिशन से पहले, इसरो ने एक महिला रोबोट अंतरिक्ष यात्री ‘व्योममित्र’ को ले जाने वाली एक परीक्षण उड़ान अगले वर्ष के लिए निर्धारित की है. वहीं अंतरिक्ष के साथ-साथ समंदर में भी भारत की ताकत बढ़ाने के लिए इसरो ने डीप सी मिशन की तैयारी की है, जो कि अगले तीन-चार साल में पूरी होगी. इस मिशन के जरिए इसरो गहरे समुद्र के संसाधनों का पता लगाएगा. जिससे कि न केवल बाहरी अंतरिक्ष में बल्कि समुद्र की गहराई में भी भारत की शक्ति दिखेगी.डॉ. सिंह ने ऐलान किया कि भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र तेजी से विकास के पथ पर है और कहा कि देश की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था, जिसका मूल्य वर्तमान में मामूली $8 बिलियन है, उसके 2040 तक प्रभावशाली $40 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है. उन्होंने अंतरिक्ष स्टार्टअप में निजी निवेश को आकर्षित करने में की गई महत्वपूर्ण प्रगति पर जोर दिया, जिसने सामूहिक रूप से इस वित्तिय वर्ष के अप्रैल से अब तक 1000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए हैं.मंत्री ने भारत में अंतरिक्ष स्टार्टअप की संख्या में तेजी से वृद्धि के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के सुधारों को श्रेय दिया. 2014 में केवल एक स्टार्टअप से, देश में अब 190 अंतरिक्ष स्टार्टअप हैं. भारत की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी इसरो उपग्रह प्रक्षेपण के माध्यम से विदेशी राजस्व अर्जित करने में सहायक रही है. आज तक, इसने 430 से अधिक विदेशी उपग्रह लॉन्च किए हैं, जिससे पर्याप्त आय हुई है – यूरोपीय सैटेलाइट से 290 मिलियन यूरो से अधिक और अमेरिकी सैटेलाइट से 170 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की कमाई हुई है.

Sunil Namdeo

Related Articles

Back to top button