मिलिए उस महिला से जिसे नहीं मेहसूस होता दर्द, जीवन में कभी नहीं खाई पेन किलर! डॉक्टरों को भी होता है ताज्जुब

डिलिवरी के वक्त भी नहीं हुआ था दर्द
व्हाइटब्रिज की रहने वाली जो जब 65 साल की हुईं तब उन्हें एहसास हुआ कि वो दूसरों से दर्द के मामले में अलग हैं. उन्होंने अपने बच्चों को जन्म दिया, जलीं, चोटिल हुईं पर उन्हें किसी भी मौके पर दर्द नहीं हुआ. जब उनकी स्किन जली तो उन्हें दर्द से नहीं पता चला, बल्कि चमड़ी के जलने से आने वाली बदबू से पता चला कि वो जल रही हैं. इसके अलावा उन्हें एंग्जाइटी या डिप्रेशन कभी नहीं होता है, वो किसी बात पर पैनिक नहीं करती हैं. इस वजह से जब डॉक्टरों ने उन्हें चेक किया तो पाया कि उनके जेनटिक म्यूटेशन की वजह से उनके अंदर ऐसी शक्तियां हैं.कभी नहीं खाई दर्द की दवा
जब अर्थराइटिस की वजह से उनके अंगूठे और हिप की हड्डी की सर्जरी हुई, तो उसके बाद आमतौर पर लोगों को भयंकर दर्द होना चाहिए, पर जो को किसी भी तरह का दर्द मेहसूस नहीं हुआ. वो दुनिया के बेहद दुर्लभ लोगों में से एक हैं जिन्हें दर्द नहीं मेहसूस होता है. डॉक्टरों ने उनके ऊपर शोध करने का भी प्लान बनाया था जिससे इंसानों में दर्द के एहसास को कम किया जा सके. पर डॉक्टरों का ये भी कहना है कि इंसान के शरीर में दर्द होना जरूरी है क्योंकि वही सबसे पहला संकेत होता है कि शरीर में कोई समस्या है. दर्द से ही शरीर इशारा करता है कि हमें दवाओं की जरूरत है.