मोरबी पुल हादसा: बचाव दल के आने से पहले स्थानीय लोगों ने बचाई करीब 100 लोगों की जान
नई दिल्ली. गुजरात के मोरबी शहर में रविवार को छुट्टियों का आनंद ले रहे पर्यटकों से भरा एक फुटब्रिज ढह गया और नदी में गिर गया. जिसमें 130 से अधिक लोगों की मौत हो गई. पुल टूटने के तुरंत बाद कई बचाव दल घटनास्थल पर पहुंचे. लेकिन इससे पहले कि वे मौके पर पहुंच पाते, स्थानीय लोगों के एक समूह ने नदी में छलांग लगा दी और कई लोगों की जान बचा ली. उन लोगों ने बच्चों सहित अस्सी से नब्बे लोगों की जान बचाई.जिग्नेश लालजीभाई सेना में भर्ती के लिए नवयुवकों को प्रशिक्षण देते हैं. घटना के समय वे अपने प्रशिक्षुओं के एक समूह उस इलाके से गुजर रहे थे. तभी उन्होंने झूलते हुए पुल पर भारी भीड़ को देखा. पुल को टूटते हुए देखकर वह तत्काल हरकत में आ गए. उन्होंने कहा कि ‘मैंने अपने लड़कों को पुल पर जाने के लिए कहा. जो तैर सकते थे, वे नदी में कूद गए और जो नहीं तैर सकते थे, उन्होंने नदी में रस्सियां फेंककर लोगों को बचाया. इस बीच मैं और मेरे एक प्रशिक्षु ने पुल पार किया और जहां पुल ढह गया था, उस जगह पर पहुंच गए.’जबकि अधिकारियों का कहना है कि औपनिवेशिक युग के सस्पेंशन ब्रिज के टूटने के समय उस पर करीब 400 से अधिक लोग थे. मरम्मत के लिए लंबे समय से बंद पुल दुर्घटना के चार दिन पहले ही फिर से खोला गया था. घड़ियां और बिजली के सामान बनाने वाली एक कंपनी ओरेवा के पास पुल का कांट्रैक्ट था. उसने मरम्मत के बाद इसे पिछले सप्ताह फिर से खोल दिया. लेकिन इसके बारे में अधिकारियों को सूचना नहीं दी गई थी. ओरेवा समूह को पुल खोलने से पहले इसकी मरम्मत की जानकारी देनी थी और गुणवत्ता की जांच होनी थी. लेकिन उसने ऐसा नहीं किया.