नकलची पक्षी जो इंसानों जैसी निकालता है आवाज, जानें कहां करते हैं निवास
रायपुरः मिमिक्री के बारे में आप जानते ही होंगे. जिसमें व्यक्ति किसी फिल्मी कलाकार, नेता या अन्य लोगों के आवाज की नकल करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इंसानों की आवाज की हुबहू नकल करने वाली पक्षी कौन सी है. इसका जवाब है छत्तीसगढ़ राज्य की राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना. छत्तीसगढ़ में इन्हें सरंक्षित रखने के लिए करोड़ों रुपए की राशि अब तक खर्च भी कर दी गई है. पहाड़ी मैना अभी भी दक्षिण छत्तीसगढ़ में प्राकृतिक रुप से जन्म ले रही है. एक सरकारी आंकड़े के अनुसार, छत्तीसगढ़ में 400 प्रजातियों के पक्षी हैं. इसमें 150 प्रवासीय पक्षी 12 दुर्लभ प्रजाति के पक्षी शामिल हैं. प्रदेश में पहाड़ी मैना की चार प्रजातियां पाई जाती हैं.पहाड़ी मैना उत्तरी आध्रप्रदेश, ओडिशा के सिमलीपाल हिल और दक्षिण छत्तीसगढ़ में पायी जाती है. दक्षिण छत्तीसगढ़ में पायी जाने वाली मैना ही इंसानों के आवाज की हुबहू नकल करनें में माहिर होती है. इसलिए यहां की पहाड़ी मैना को ज्यादा पसंद किया जाता है. दरअसल, छत्तीसगढ़ के राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना का प्राकृतिक रहवास कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान ही है. यह उद्यान बस्तर संभाग के जगदलपुर जिला मुख्यालय से 27 किलोमीटर दूर सुकमा मार्ग पर दरभा और जगदलपुर विकासखंड में लगभग 200 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है.
मैना सरंक्षण एवं संवर्धन प्रोजेक्ट
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक धम्मशील गणवीर के अनुसार, कैम्पा योजना के अंतर्गत संचालित मैना सरंक्षण एवं संवर्धन प्रोजेक्ट बस्तर पहाड़ी मैना के सरंक्षण के लिए कारगर साबित हो रहा है. एक समय में जिन बच्चों के हाथ में गुलेल थे. अब इस मैना को देखने उनके हाथ में दूरबीन देखी जा रही है.मैना का रहवास साल के सूखे पेड़ों में होता जहां कटफोड़वे घोंसले बनाते है. जिसकी वजह से बस्तर वनमंडल द्वारा साल के सूखे पेड़ों को काटने पर प्रतिबंध लगाया गया है. ताकि मैना का रहवास कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के बाहर भी सुरक्षित हो सके