सीएम,छत्तीसगढ़ में पत्रकार सुरक्षा कानून पारित, CM भूपेश ने पत्रकार सुरक्षा कानून को लेकर कही ये बड़ी बात,
रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक सर्व सम्मति से पारित हो गया. इस विधेयक में मीडिया संस्थान में काम करने वाले पत्रकार से लेकर गांव में काम करने वाले पत्रकार और फ्री लांसिंग करने वाले पत्रकारों को भी सुरक्षा दी जाएगी. सीएम भूपेश बघेल ने इसके लिए सभी को बधाई दी है. साथ ही, विपक्ष के चर्चा में हिस्सा नहीं लेने पर नाराजगी भी जताई है.
विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में सीएम भूपेश बघेल ने कहा, आज छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी विधेयक पारित हुआ है. पत्रकार साथी जान जोखिम में डालकर खबरें लाते हैं. ऐसे लेख लिखते हैं, जिससे उन्हें और परिवार के लोगों को खतरा होता है. जनहानि के साथ-साथ धनहानि की संभावना बनती है. ऐसे पत्रकार साथियों के ऑफिस और गांव में जो काम करते हैं, उनके लिए भी न केवल अधिमान्यता पत्र जारी करने की व्यवस्था होगी, बल्कि 6 महीने में जिनके तीन लेख प्रकाशित हुए हैं, उन्हें भी सुरक्षा कानून के दायरे में लाया गया है. ताकि पत्रकारों की सुरक्षा हो सके.
👉ऐतिहासिक दिन!
“छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक- 2023” आज विधानसभा में पास होकर कानून बन गया है।
👉हमने जो वादा पत्रकार साथियों से किया था, वह आज पूरा हुआ है।
लोकतंत्र का चौथा स्तंभ निर्भीक होकर जनता की आवाज़ उठाए और जनभागीदारी निभाता रहे, ऐसी हमारी सोच है।
in Chhattisgarh
रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी सुरक्षा विधेयक सर्व सम्मति से पारित हो गया. इस विधेयक में मीडिया संस्थान में काम करने वाले पत्रकार से लेकर गांव में काम करने वाले पत्रकार और फ्री लांसिंग करने वाले पत्रकारों को भी सुरक्षा दी जाएगी. सीएम भूपेश बघेल ने इसके लिए सभी को बधाई दी है. साथ ही, विपक्ष के चर्चा में हिस्सा नहीं लेने पर नाराजगी भी जताई है.
विधानसभा परिसर में मीडिया से बातचीत में सीएम भूपेश बघेल ने कहा, आज छत्तीसगढ़ मीडिया कर्मी विधेयक पारित हुआ है. पत्रकार साथी जान जोखिम में डालकर खबरें लाते हैं. ऐसे लेख लिखते हैं, जिससे उन्हें और परिवार के लोगों को खतरा होता है. जनहानि के साथ-साथ धनहानि की संभावना बनती है. ऐसे पत्रकार साथियों के ऑफिस और गांव में जो काम करते हैं, उनके लिए भी न केवल अधिमान्यता पत्र जारी करने की व्यवस्था होगी, बल्कि 6 महीने में जिनके तीन लेख प्रकाशित हुए हैं, उन्हें भी सुरक्षा कानून के दायरे में लाया गया है. ताकि पत्रकारों की सुरक्षा हो सके.