*”जाने कहाँ लुकागे रे हमर होंठ के हॉंसी” नारायण प्रसाद वर्मा चंदन*
*एक दिसम्बर को ग्राम ढाबा (भिंभौरी) में होगा काव्य प्रयाग का विमोचन*
*बेमेतरा/भिंभौरी* :- सुग्घर साहित्य समिति बेरला जिला (बेमेतरा) की आवश्यक बैठक एवं मासिक काव्य गोष्ठी का आयोजन बीते रविवार को डॉ.उत्तम कुमार देवांगन के निज निवास ग्राम भिंभौरी में किया गया था । कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के तैलचित्र पर माल्यार्पण कर की गयी साथ ही वरिष्ठ गीतकार नारायण प्रसाद वर्मा चंदन द्वारा सरस्वती वंदना गायन किया गया जिसके पश्चात् काव्य पाठ की शुरुआत की गयी जहाँ चिंतन गीत “जीवन के कितने दिन बाकी” सुग्घर साहित्य समिति संरक्षक, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. राजेन्द्र पाटकर स्नेहिल (व्याख्याता) के द्वारा प्रस्तुत किया गया जिसके पश्चात् वरिष्ठ ग़ज़लकार जगदीश सोनी ने अपनी रचना सद्गुरु भगवान प्यारे प्रस्तुत की वहीं नारी शक्ति के रूप में उपस्थित कवयित्री मानसी मानस ने नारी के सम्मान पर अपनी रचना प्रस्तुत कर तालियां बटोरी इसी क्रम पर उभरती हुई कवयित्री सरस्वती साहू सरस ने श्रृंगार रस की अपनी रचना हां कह दिया प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया । व्यंग्य के नव हस्ताक्षर युवा कवि विकास कश्यप ने अपनी व्यंग्य रचना सियासत का मन पढ़कर तालियां बटोरी जबकि डॉ. उत्तम देवांगन ने जिंदगी के खूबसूरती पर अपनी रचना प्रस्तुत कर समां बांधा । सुप्रसिद्ध लोकगायक दिलीप टिकरिहा छत्तीसगढ़ीया जी ने जगत जननी माँ सिता के त्याग और समर्पण पर सुमधुर गीत प्रस्तुत किया गया जबकि एम.ए. छत्तीसगढ़ी के छात्र कवि ताकेश्वर साहू बचपन ने अपनी छत्तीसगढ़ी रचना किसान के पीरा प्रस्तुत कर सबको भाव विभोर कर दिया वहीं छंदकार लीलेश्वर देवांगन जी ने मजदूरों की मेहनत पर अपनी रचना प्रस्तुत कर सब में चिंतन का भाव जगाया । हास्य के नवहस्ताक्षर ईश्वर निषाद द्वारा छत्तीसगढ़ी संस्कृति पर छत्तीसगढ़ी रचना प्रस्तुत की गयी जबकि पर्यावरण की क्षति को दर्शाते हुए दीपक निषाद जी ने अपनी छत्तीसगढ़ी रचना रुख के दुःख का बखान कर सबको भाव विभोर कर दिया । गीतकार राजकुमार निषाद ने बेरला क्षेत्र के साहित्यकारों पर अपनी रचना प्रस्तुत कर सबका दिल जीत लिया जबकि अंतिम प्रस्तुति के रूप में सुग्घर साहित्य समिति अध्यक्ष वरिष्ठ गीतकार नारायण प्रसाद वर्मा चंदन द्वारा छत्तीसगढ़ी गीत
जिनगी के हरहर कटकट में,मनखे बने मशीन जी।
काली के संशो मा देखव, घुरत हे छिन-छिन जी।
पद पइसा अउ सुख सुविधा के,बनगे दुनिया दासी रे।।
हमर होंठ के हाँसी ।
आखिर कहाँ गँवागे रे, हमर होंठ के हाँसी ।।
रात दिन रोटी के चिंता, रिश्ता नता भुलागे।
अँगना के संग मा मोर भइया, मन हा तोर खँड़ागे।
मंदिर सुन्ना भीड़ कछेरी,घर-घर झगरा झाँसी रे।। हमर होंठ के हाँसी ।
आखिर कहाँ गँवागे रे,हमर होंठ के हाँसी ।।
प्रस्तुत कर मानव जीवन में संवेदनाओं के अभाव पर चिंतन हेतु विवश कर दिया ।
बैठक के अंतर्गत यह निर्णय किया गया कि सुग्घर साहित्य समिति की द्वितीय सामूहिक कृति काव्य प्रयाग का प्रकाशन कार्य पूर्ण हो चूका है जिसका विमोचन आगामी 1 दिसम्बर को ग्राम ढाबा (भिंभौरी) में जिला दुर्ग लोकसभा सांसद विजय बघेल, विधानसभा क्षेत्र बेमेतरा विधायक आशीष छाबड़ा,प्रदेश के वरिष्ठ साहित्यकार नरेन्द्र अरमान एवं बलराम यादव द्वारा किया गया जाएगा । काव्य गोष्ठी एवं बैठक के समापन के पश्चात् उपस्थित सभी कवियों को डॉ. उत्तम कुमार देवांगन के सौजन्य से नामांकित डायरी एवं कलम सम्मान स्वरूप भेंट प्रदान किया गया साथ ही डॉ.उत्तम कुमार देवांगन के सुपुत्र संदीप देवांगन का जन्मदिवस सभी साहित्यकारों के मध्य मनाते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया ।